➤ आगरा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह मामले में दायर रिवीजन याचिका स्वीकार की।
➤ मई 2025 में निचली अदालत ने यह वाद खारिज किया था, अब मामला फिर से खुलेगा।
➤ वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कहा – कंगना की टिप्पणी से किसानों और महात्मा गांधी का हुआ अपमान।
प्रसिद्ध अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। आगरा की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ किसानों के अपमान और राष्ट्रद्रोह के मामले में दायर रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया है। बुधवार को स्पेशल जज लोकेश कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
इससे पहले 6 मई 2025 को एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने कंगना के खिलाफ दायर वाद को खारिज कर दिया था। इसके बाद राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने सत्र न्यायालय में रिवीजन याचिका दाखिल की थी।
10 नवंबर 2025 को हुई सुनवाई में वादी और बचाव पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने तर्क पेश किए थे। बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे बुधवार को सुनाया गया। अदालत ने वादी की दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि रिवीजन योग्य है और अब मामले की पुनः सुनवाई होगी।
वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने बताया कि कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को एक इंटरव्यू में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को हत्यारा बताया था और महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके विरोध में उन्होंने 11 सितंबर 2024 को एमपी-एमएलए कोर्ट आगरा में वाद दायर किया था।
निचली अदालत ने वाद खारिज करते हुए तीन बिंदुओं का हवाला दिया था— पहला, वादी या उसके परिवार का कोई सदस्य किसान आंदोलन में शामिल नहीं था। दूसरा, महात्मा गांधी का निधन हो चुका है, इसलिए उनके परिवार के सदस्य ही वाद दायर कर सकते हैं। तीसरा, वाद दायर करने से पहले किसी मजिस्ट्रेट की मंजूरी नहीं ली गई।
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने इन तर्कों को आधारहीन बताते हुए कहा कि न्यायाधीश ने न्यायिक विवेक का प्रयोग नहीं किया। अब रिवीजन स्वीकार होने के बाद मामला फिर से शुरू होगा।
जानकारी के अनुसार, कंगना रनौत अब तक इस मामले में कोर्ट में एक बार भी पेश नहीं हुई हैं, जबकि उनके खिलाफ छह समन जारी हो चुके हैं। अब अगले चरण में अदालत से नई तारीख तय की जाएगी, जिसमें कंगना की उपस्थिति जरूरी हो सकती है।



